बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी के संघर्ष की कहानी उनके ज्यादातर फैंस जानते हैं। नवाज आज जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने गार्ड की नौकरी करने से लेकर भूखे पेट सोने तक सब कुछ किया है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी को लीक से हटकर काम करने वाले और रूढ़िवादिता को तोड़कर आगे बढ़ने वाले कलाकारों में गिना जाता है। एक्टर ने एक इंटरव्यू में बताया कि अपने करियर के शुरुआती दौर में वह अपने स्किन टोन की वजह से बहुत अंडरकॉन्फिडेंट महसूस किया करते थे।
लगता था कि मैं गुड लुकिंग नहीं हूं
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बॉलीवुड बबल के साथ बातचीत में कहा कि सालों तक उन्हें यही लगता था कि वह एक गुड लुकिंग इंसान नहीं हैं। खुद को लेकर सालों बाद उनका यह नजरिया बदला और तब वह खुद को लेकर कॉन्फिडेंट फील करने लगे।
फेयरनेस क्रीम्स के जाल में फंस गए
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि वह फेयरनेस क्रीम्स के जाल में भी फंस चुके हैं। एक्टर ने बताया, “करियर के शुरुआती दिनों में अपनी स्किन के कलर को लेकर मैं बहुत असुरक्षित महसूस किया करता था। मैं ढेरों तरह की क्रीम्स लगाया करता था लेकिन कुछ नहीं होता था।”
बाद में समझ में आया मैं ऐसा ही हूं
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया, “बाद में मुझे समझ में आया कि मैं ऐसा ही हूं और मेरा रंग ऐसा ही रहेगा। मुझे सालों तक लगता था कि मैं अच्छा दिखने वाला इंसान नहीं हूं। बाद में जाकर मुझे समझ आया कि मेरा चेहरा ठीक ही है।”
खुद को साबित करने में 12 साल लगे
उन्होंने कहा, “आपको अपने लुक्स के बारे में कॉन्फिडेंट फील करना बहुत जरूरी है। यह जो छोटेपन की भावना है यह दूसरो की वजह से ही आती है।” नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि उन्हें यह साबित करने में 10-12 साल लग गए कि वह एक अच्छे कलाकार हैं। बाद में धीरे-धीरे लोगों ने उन्हें स्वीकार करना शुरू कर दिया।