ईडी की देहरादून शाखा ने दीप्ति रावत और लक्ष्मी राणा को समन भेजकर किया था तलब
सिद्धबली न्यूज डेस्क
देहरादून। कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर पेड़ों के अवैध कटान और निर्माण के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरक की पत्नी दीप्ति रावत और उनकी करीबी रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा से करीब 06 घंटे पूछताछ की। ईडी की देहरादून शाखा ने दीप्ति रावत और लक्ष्मी राणा को समन भेजकर तलब किया था। ताकि कार्बेट प्रकरण और जमीन धोखाधड़ी के अन्य मामले के दौरान हरक सिंह रावत और उनके स्वजनों समेत करीबियों के खातों में किए गए ट्रांजेक्शन पर मनी लांड्रिंग एक्ट में की जा रही जांच को आगे बढ़ाया जा सके।
ईडी के सूत्रों के अनुसार पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के करीबी बीरेंद्र सिंह कंडारी और नरेंद्र कुमार वालिया ने हरक सिंह रावत के साथ आपराधिक साजिश करते हुए एक जमीन की 02 पवार ऑफ अटॉर्नी पंजीकृत कराई। हालांकि, कोर्ट ने संबंधित भूमि के विक्रय विलेख रद्द कर दिए थे। बावजूद इसके भूमि को अवैध रूप से हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और उनकी करीबी लक्ष्मी राणा को बेचा जाना दिखाया गया। जिस भूमि पर श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस का निर्माण किया गया। ईडी ने हरक सिंह रावत से जुड़े कार्बेट टाइगर सफारी के घपले के साथ इस प्रकरण पर भी जांच शुरू की थी।
ईडी ने गुरुवार की पूछताछ में दीप्ति रावत और लक्ष्मी राणा से 25 से 30 सवाल किए। जिसमें मुख्य रूप से कार्बेट और जमीन धोखाधड़ी के दौरान मनी ट्रेल और फरवरी 2024 में की गई छापेमारी में कब्जे में लिए गए दस्तावेजों से संबंधित सवाल शामिल थे। बताया जा रहा है कि दीप्ति और लक्ष्मी कई सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाईं और उन्होंने अनभिज्ञता भी जाहिर की। छह घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद अधिकारियों ने दोनों को जाने दिया और कहा कि उन्हें फिर बुलाया जा सकता है। दीप्ति और लक्ष्मी राणा को ईडी पहले भी पूछताछ के लिए बुला चुकी है। वहीं, प्रकरण में हरक सिंह रावत, उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं और अन्य से भी पूछताछ की जा चुकी है