कांग्रेसियों ने जिला कांग्रेस कार्यालय कोटद्वार में श्रृद्धासुमन अर्पित किए
सिद्धबली न्यूज डेस्क
कोटद्वार। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर कांग्रेसियों ने जिला कांग्रेस कार्यालय कोटद्वार में उन्हें स्मरण करते हुए श्रृद्धासुमन अर्पित किए।इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज ही के दिन 3 दिसंबर 1884 को डा. राजेंद्र प्रसाद जी का जन्म हुआ था, बचपन से ही वे कुशाग्र के होने के साथ ही उन्होंने 18 बर्ष की आयु बर्ष 1902 में उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और बिधि परास्नातक में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। बाद में चलती वकालत के बीच गांधी जी के असहयोग आंदोलन में कूद पड़े और स्वतंत्रता संग्राम में सम्मिलित हो गए, बर्ष 1934 में कांग्रेस अध्यक्ष बनेऔर फिर 1939 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के कांग्रेस अध्यक्ष पद से त्यागपत्र के बाद पुनः कांग्रेस अध्यक्ष बने, आजादी के बाद अंतरिम सरकार में मंत्री बने साथ ही संविधान सभा के अध्यक्ष भी बनाए गए, भारत के गणतंत्र बनने के बाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बनाए गए।
सादा जीवन उच्च विचार की जीवन शैली की प्रतिमूर्ति बने डा. राजेंद्र प्रसाद जी ने अनेकानेक पत्र – पत्रिकाएं, पुस्तके लिखी, और उनका राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू, डा. भीम राव अम्बेडकर, सरदार बल्लभ भाई पटेल आदि शीर्षस्थ नेताओं और स्वतंत्रता संग्राम के अग्रजों से समकालीन अदभुत सामंजस्य था। उनकी जीवन शैली और विचारधारा आज भी देशवासियों के लिए प्रेरणास्पद है।
इस अवसर पर बलबीर सिंह रावत, गोपाल सिंह गुसाईं, दलीप सिंह रावत (जिला उपाध्यक्ष) सुधा असवाल (महानगर अध्यक्ष) रंजना रावत (पूर्व प्रदेश महामंत्री) चंद्रमोहन सिंह असवाल, यशवंत सिंह बिष्ट, हयात सिंह मेहरा (जिला प्रवक्ता ) नरेंद्र सिंह नेगी (पूर्व प्रधान) विनोद नेगी (पूर्व बीडीसी) सूरज प्रकाश (जिलाध्यक्ष पंचायत राज) देवेन्द्र नेगी, महावीर सिंह नेगी, प्रदीप नेगी, बिमलू, चंद्रमोहन रावत, पपेंद्र सिंह नेगी, विनोद नेगी, अमित नेगी, जावेद, राजा, विजय नेगी, गबर सिंह, सोहन सिंह, ध्यान पाल सिंह, सुखबीर सिंह, दौलत सिंह आदि सम्मिलित थे।
कार्यक्रम का संचालन बलबीर सिंह रावत ने किया।