दुखद : नहीं रहे सबके चहेते जनार्दन बुडाकोटी, बुधवार को ली अंतिम सांस

ह्रदय गति रुकने से हुआ निधन, क्षेत्र में शोक, विभिन्न संगठनों ने शोक व्यक्त कर दी श्रद्धांजलि

सिद्धबली न्यूज डेस्क

कोटद्वार। हिंदी साहित्यिक जगत के पुरोधा और सबके चहेते जनार्दन बुड़ाकोटी जी अब हमारे बीच नहीं रहे। उनकी ह्रदय गति रुकने से हुई आकस्मिक मृत्यु से क्षेत्र में शोक की लहर है। विभिन्न सामाजिक, साहित्यिक, कार्मिक और राजनीतक संगठनों ने उनकी आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है।

श्री बुडाकोटि जनता इंटर कॉलेज मोटाढाक के प्रधानाचार्य रहे,  साहित्यिक संस्था साहित्यांचल के अध्यक्ष रहे, माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री रहे और अखिल भारतीय उत्तराखंड महासभा के महामंत्री के अलावा उन्होंने उत्तराखंड आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी।

बुधवार दोपहर सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना मिलते ही अस्पताल में उनके चाहने वालों की भीड़ लग गई। बृहस्पतिवार को सुबह से ही उनके बालभद्रपुर स्थित आवास पर उनके अंतिम दर्शन करने की भीड़ लगी रही। शहर के गणमान्य लोगों ने नम आंखों से उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। दोपहर में हरिद्वार के चंडीघाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। सिद्धबली न्यूज ग्रुप की ओर से गुरुवर श्री जनार्दन बुडाकोटी जी को विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। ओम।।

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