अंतरिक्ष में ब्लैक होल वो रहस्यमयी दुनिया है, जिसका न आदि है और न अंत। यहां प्रकाश भी आर-पार नहीं हो सकता। इसके अंदर जो एक बार चला जाता है वो वापस कभी नहीं आ सकता। इसमें समय और स्थान की कोई सीमा नहीं है। नासा की टीम ने अंतरिक्ष में एक विशाल ब्लैक होल की खोज की है। एक भारतीय खगोलशास्त्री ने नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से अब तक देखे गए सबसे दूर और विशाल ब्लैक होल का पता लगाया है। इस ब्लैक होल की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसका द्रव्यमान 10 से 100 मिलियन सूर्य के बीच हो सकता है। यानि इसके अंदर अरबों सूर्य समा सकते हैं।
नासा के वैज्ञानिकों ने इस ब्लैक होल का नाम UHZ1 रखा है। आकाशगंगा में पाया जाने वाला यह ब्लैक होल अपने विकास के प्रारंभिक चरण में है। इसे पहले कभी नहीं देखा गया है। इसका द्रव्यमान आकाशगंगा की तरह अनंत है। नासा की टीम इसे महत्वपूर्ण खोज बता रही है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि ब्रह्मांड में सुपरमैसिव ब्लैक होल कैसे बने?