बाइक पर पति के साथ जा रही थी महिला , खालसी गांव के पास की घटना
सिद्धबली न्यूज डेस्क
देहरादून। चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के दिचली गमरी क्षेत्र में गुलदार का आतंक व्याप्त है। शनिवार शाम को पति के साथ बाइक पर जा रही खालसी गांव की एक महिला पर गुलदार ने हमला कर उसे बुरी तरह से जख्मी कर दिया। गांव में वन विभाग की एक टीम गश्त में लगा दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार शाम को करीब छह बजे खालसी गांव निवासी 29 वर्षीय रजनी अपने पति के साथ दुपहिया वाहन में बैठकर गांव जा रही थी। गांव के निकट पहुंचते ही फराण इडिया नामे तोक में गुलदार ने पीछे से उस पर हमला कर दिया। जिससे वह काफी जख्मी हो गई। चीख पुकार मचाने पर गुलदार वहां से भाग गया। ग्रामीणों का आरोप है कि आदमखोर गुलदार वाहनों का पीछा कर लोगों पर हमला कर रहा है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। उधर , वन विभाग ने घायल का मेडिकल करवाने के बाद 15 हजार रुपये की मुआवजा राशि देने का ऐलान किया है।
मुवावजा तो सांत्वना है, हल नहीं।
खूंखार वन्य जीवों से पथिक व रहवासियों को सुरक्षा कैसे दी जाय का स्थाई निदान निकालना होगा।
चकबंदी से अधिक आवश्यक वनबंदी हो गई है। वनों में वनफल वृक्षों का रोपण, पोषण व संवर्धन करना, जल बावड़ियां बनाना और वन में वन्य जीवों के भोजन के लिये अन्य जीवों का प्रबंधन करना चाहिये।
हिंसक जीवों की वृद्धि पर अनुपाती नियंत्रण रखने के लिये उनका प्रजनन नियोजित किया जाय।
वनों और रिहायसी क्षेत्रों में बाड़ या पलसेटिंग फेंसिग लगायी जाय ताकि वन्य जीव रिहायसी क्षेत्र मे न आ सकें। कुछ समय पश्चात निज स्थान बोध होने लगता है और पूर्व के समान वन्य जीवों व ग्रामीणों द्वारा सीमा उलंघन नहीं होगा। ग्रामीणों का भय जाता रहेगा व पलायन बहुत हद तक स्वतः रूकने लगेगा।
आज वन्यजीवों का और घुसपैठियों से रक्षा ज्वलंत विषय है जिस पर सरकार को गंभीरता से निर्णय लेना होगा। राजकीय वन विभाग की कार्य प्रणाली में संसोधन या परिवर्तन भी करना पड़े तो किया जाय ।
उत्तराखंड की भयहीन छवि और मर्यादा तभी सुरक्षित रह सकेगी तथा तीर्थाटन व पर्यटन को तभी बढ़ावा भी मिलेगा। मेओंउ