हिंदू परंपरा में नथ का महत्व भाग 2

हिंदू परंपरा में नथ का महत्व    भाग 2

 

सिद्धबली न्यूज़ डेस्क

कोटद्धार। भारतीय संस्कृति में नथ क्षेत्र, संस्कृति और आस्था के आधार पर अलग-अलग महत्व रखती है। हिंदू संस्कृति में नथ दुल्हन के जेवरों में से एक है। नथ विवाह और स्त्रीत्व का प्रतीक है, जो देवी पार्वती से संबंध दर्शाता है।

देवी पार्वती का चित्र हमेशा नथ पहने हुए ही देखा जाता है। यह भी माना जाता है कि नथ सेहत के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह प्रजनन प्रणाली से जुड़ी बाईं नासिका के एक दबाव बिंदु को उत्तेजित करती है।

हिंदू संस्कृति में दुल्हन के लिए नथ का महत्व क्षेत्र और परंपरा के आधार पर अलग-अलग हो जाता है।

विवाह का प्रतीक: नथ हिंदू विवाह के प्रतीक के रूप में देखी जाती है। नाक में नथ पहनना यह बताता है कि महिला शादीशुदा है और पति से बहुत प्यार करती है।

सौंदर्य और स्त्रीत्व: नथ शादी के दिन दुल्हन के रूप को और ज्यादा निखार देती है।

सांस्कृतिक परंपरा: नथ पहनना भारतीय सांस्कृतिक विरासत का सम्मान और अपनी जड़ों से जुड़ाव बनाए रखने का एक तरीका है।

आयुर्वेदिक लाभ: आयुर्वेद के मुताबिक नथ से सेहत के लिए सही है, जो पीरियड्स साइकिल और मां बनने की क्षमता को सुधारती है।

 

भाग 3 कल

One thought on “हिंदू परंपरा में नथ का महत्व भाग 2

  1. नथ परम्परा एक समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है। सुंदर लेख के साथ सौम्य छायाचित्र प्रस्तुति। नथ के प्रकार व समय के साथ बदलाव पर भी प्रकाश डाला जाने की आवश्यकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!