‘पैसे के बदले सवाल’ कांड में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने मंगलवार को मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि TMC लीडर की ओर से उनके स्टाफ को डराया-धमकाया जा रहा है। इसे लेकर अनंत ने दिल्ली पुलिस को पत्र भी लिखा है। मालूम हो कि इस वकील ने ही आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन से रिश्वत ली थी। करीब तीन हफ्ते पहले उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भी एक चिट्टी लिखी थी, जिसमें उन्होंने अपनी जान को खतरा होने की बात कही थी।
वकील देहाद्राई ने मंगलवार को हौज खास पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि मोइत्रा आचार समिति के सामने पेश होने के कुछ दिनों बाद 5 और 6 नवंबर को उनके घर गई थीं। इसकी जानकारी उन्हें पहले से नहीं दी गई थी। उन्होंने लिखा, ‘मेरे खिलाफ धोखाधड़ी वाली आपराधिक शिकायतें दर्ज कराई गईं। अतिक्रमण और आपराधिक धमकी जैसे झूठे अपराधों का आरोप लगाया गया। इसके बाद उसे लिखित रूप में वापस भी लिया जा चुका है। इस तरह के इतिहास को देखते हुए यह मेरे लिए गंभीर चिंता का विषय है। संभावना है कि मोइत्रा जानबूझकर मेरे खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज कराने के मकसद से मेरे घर आईं।’
कुत्ते हेनरी को लेकर वकील और मोइत्रा में रहा विवाद
रिपोर्ट के मुताबिक, एससी के वकील देहाद्राई और मोइत्रा कथित तौर पर रिलेशनशिप में थे। दोनों के अलग होने के बाद से उनके रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं। इनके बीच मनमुटाव का एक कारण उनका पालतू कुत्ता हेनरी भी बना था। दोनों ने एक-दूसरे पर हेनरी को चोरी करने का आरोप लगाया। इसे लेकर अदालत में उसकी हिरासत की लड़ाई लड़ी जा रही है। कुत्ता फिलहाल मोइत्रा के पास ही है। अनंत देहाद्रई इस कुत्ते की कस्टडी अपने पास चाहते हैं। उन्होंने बीते 20 अक्टूबर को आरोप लगाया था कि महुआ ने कहा कि वह हेनरी को उन्हें लौटा देंगी, अगर वह ‘सवाल पूछने के बदले कैश लेने’ के मामले में हीरानंदानी ग्रुप के साथ उनके संबंधों को लेकर सीबीआई में दर्ज शिकायत वापस ले लें।
‘पैसे के बदले सवाल’ कांड को लेकर समिति पर हंगामा
महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘पैसे के बदले सवाल’ के आरोपों पर भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता में लोकसभा आचार समिति गठित की गई है। यह कमेटी अपनी मसौदा रिपोर्ट पर विचार करने और उसे अपनाने के लिए मंगलवार को बैठक करने वाली थी, हालांकि बैठक अब 9 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। मोइत्रा ने दावा किया कि कांग्रेस के एक सदस्य को कार्यवाही से दूर रखने और रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकारने के लिए लोकसभा की आचार समिति की बैठक स्थगित की गई। मोइत्रा ने दावा किया कि समिति की कोई मसौदा रिपोर्ट सदस्यों को वितरित नहीं की गई और भाजपा नेता बहुमत से रिपोर्ट को अपनाने के लिहाज से सहयोगी दलों के सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनसे संपर्क कर रहे थे।