फरमान- जर्जर भवन में विद्यालय संचालित किया तो नपेंगे प्रधानाचार्य

उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों के लिए आया नया फरमान, 2785 स्‍कूल जर्जर हाल, प्रधानाचार्य असमंजस में

 

सिद्धबली न्‍यूज डेस्‍क

देहरादून। शिक्षा विभाग ने सरकारी फरमान जारी किया है। जिसके तहत अब प्रदेश के जर्जर घोषित सरकारी विद्यालयों में किसी भी कमरे में भी यदि कक्षाएं संचालित की गईं तो विभाग सीधी कार्रवाई संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक/ प्रधानाचार्य पर करेगा। प्रदेश में 2785 विद्यालय जर्जर हाल हैं, इससे अधिक स्‍कूलों के कई कक्ष गिरने की कगार पर हैं। सरकार इन खतरे का सबब बने स्‍कूलों की मरम्‍मत कराने की अपेक्षा इसके लिए प्रधानाचार्य को जिम्मेदार ठहरा रही है। ऐसे में उक्‍त विद्यालयों में शिक्षा बंद करने और कक्षाएं संचालित करने पर दोनों की सजा प्रधानाचार्य को मिलनी तय है, जिसके कारण सरकारी के इस फरमान के कारण प्रधानाचार्य सकते में हैं।

30 जून 2023 तक विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 2,785 सरकारी स्कूल भवन जर्जर हैं। जिसमें 1,437 प्राथमिक, 303 जूनियर हाईस्कूल और 1,045 माध्यमिक विद्यालय भवन आज भी जर्जर हैं। इसमें बागेश्वर जिले में 94, चमोली में 204, चंपावत में 123, देहरादून में 206, हरिद्वार में 170, नैनीताल में 160, पिथौरागढ़ में 193, रुद्रप्रयाग में 128, टिहरी गढ़वाल में 352, ऊधम सिंह नगर में 175 और उत्तरकाशी जिले में 185 स्कूल भवन जर्जर हाल हैं। वर्षा में इन स्कूलों के बच्चों की जान को खतरा बना रहा। यह हाल तब है, जब पूर्व में जर्जर स्कूल भवनों की वजह से कई हादसे हो चुके हैं।

विभाग का कहना है कि 2026 तक सभी स्कूलों को ठीक कर लिया जाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के नाम पर न सिर्फ कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, बल्कि हर साल नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसके बावजूद वर्षा में तमाम स्कूल भवन जर्जर हैं। स्कूलों में मलबा आने, शौचालय की छत गिरने आदि की पूर्व में हुई घटनाओं में स्कूली बच्चों के चोटिल हो चुके हैं।

 कहते हैं शिक्षा अधिकारी

बीते गुरुवार को प्रदेशभर के मुख्य शिक्षा अधिकारियों (सीईओ) के साथ वर्चअल बैठक की गई। सभी सीईओ को निर्देश दिए गए हैं कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद एक जुलाई को सभी विद्यालय खुल गए हैं। जून अंतिम सप्ताह में उत्तराखंड में मानसून पहुंच चुका है और कई क्षेत्रों में जोरदार वर्षा भी हो रही है। वर्षा काल के मद्देनजर किसी भी जर्जर विद्यालय भवन में कोई कक्षा संचालित करने का मामला संज्ञान में आया तो सीधे कार्रवाई उस विद्यालय के प्रधानाचार्य पर होगी।

– महावीर सिंह बिष्टनिदेशकमाध्यमिक शिक्षा

 

 

 

 

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