2008 में चोरी हो गया था मोनू, राजस्थान में बकरी चराने का करता था काम
सिद्धबली न्यूज डेस्क
देहरादून। 16 साल पहले अपनों से बिछड़ा मोनू मां को पाकर भावुक हो उठा। मां व बेटे के आंखों से आंसू का सैलाब उमड़ पड़ा। यह दृश्य देखने वाला हर कोई गमगीन हो गया। यह दृश्य है देहरादून के पुलिस स्टेशन का है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि एक युवक ने पुलिस कार्यालय आकर बताया कि उसे लगभग 18 से 19 वर्ष पूर्व जब उसकी आयु लगभग 09 वर्ष थी, एक व्यक्ति घर के पास से उठाकर राजस्थान में किसी अंजान जगह पर ले गया। उससे भेड-बकरी चराने का कार्य करवाया जाता था। उसे इतना प्रताड़ित किया कि वह सब कुछ भूल गया।
वर्तमान में किसी व्यक्ति की सहायता से वह देहरादून पहुंचा पर उसे अपने घर का पता व स्वजनों के संबंध में कोई जानकारी नहीं है और ना ही उसे अपने असली नाम याद है। उसे यह याद था कि उसके पिताजी की परचून की दुकान थी तथा घर पर उसकी माताजी तथा चार बहनें थी।
पुलिस की ओर से युवक रुकने व खाने की व्यवस्था करते हुए इंटरनेट मीडिया व पंफ्लेट के माध्यम से जानकारी जुटानी शुरू कर दी। एक जुलाई को बंजारावाला निवासी एक महिला आशा शर्मा पुलिस कार्यालय पहुंची और बताया कि उनका बेटा मोनू वर्ष 2008 में घर से गायब हो गया था। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व अन्य कई स्थानों पर उसकी तलाश की लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद पुलिस ने युवक को महिला से मिलवाया तो महिला ने पुरानी बातों को याद कराई। युवक ने महिला की पहचान अपनी मां के रूप में की। युवक भावुक होकर अपनी मां को गले से लिपट गया।