अब ट्रेनों पर पथराव किया तो भुगतना होगा अंजाम

– प्रशासन ने बनाई योजना, फौरन होगी पत्थरबाजों की पहचान

सिद्धबली न्‍यूज डेस्‍क

देहरादून। उत्तराखंड में ट्रेनों पर होने वाली पत्थरबाजी की घटनाओं को लेकर अब प्रशासन सख्त हो गया है। अब  ट्रेनों पर पत्थरबाजी करने वालों के साथ सख्‍ती के साथ निपटा जाएगा।  कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने  ट्रेनों पर पत्थरबाजी के हाट स्पाट चिह्नित करने और रेलवे स्टेशनों पार्किंग क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरों से कवर करने के निर्देश जारी किए हैं।

रेलवे सुरक्षा व्यवस्था समिति की पुलिस मुख्यालय में आयोजित बैठक के दौरान कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कहा कि ट्रेनों पर पत्थरबाजी के हाट स्पाट चिह्नित करें। इन स्थानों को सीसीटीवी कैमरों से कवर किया जाएगा। इससे पत्थरबाजी की घटनाओं पर अंकुश लगेगा और घटनाओं को अंजाम देने वालों के विरुद्ध कार्रवाई जल्द से जल्द हो सकेगी। इस दौरान रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने को डाग स्क्वायड की व्यवस्था करने को भी कहा गया। एसपी जीआरपी अजय गणपति ने जीआरपी के कार्यक्षेत्र और पिछली बैठक के एजेंडे के अनुपालन के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया।

एडीजी प्रशासन अमित सिन्हा ने कहा कि इमरजेंसी राष्ट्रीय हेल्पलाइन 112 का ट्रेनों के माध्यम से अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाए। इसके अलावा पत्थरबाजी के हाट स्पाट चिह्नित कर वहां पर गांव और मोहल्ला समितियों के साथ गोष्ठियां आयोजित की जाएं, ताकि लोगों को राष्ट्रीय संपत्ति के नुकसान से संबंधित जानकारी देकर इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाया जा सके।

 यह भी दिए निर्देश

  • रेलवे स्टेशनों, पार्किंग क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरों से कवर किया जाए और सीसीटीवी कैमरों की फीड संबंधित जनपदों के कंट्रोल रूम से भी साझा की जाए। ट्रेनों व रेलवे स्टेशनों पर चोरी, टप्पेबाजी आदि घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मुकदमा तत्काल दर्ज करें।
  • ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर आरपीएफ से समन्वय स्थापित कर जीआरपी के नए थाने व चौकियां बनाने के लिए रेलवे से पत्राचार किया जाएगा।
  • महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा के मद्देनजर संयुक्त सुरक्षा आडिट की संस्तुतियों का अनुपालन कराया जाए।
  • वन्य जीवों को रेल संचालन से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए वन विभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व से समन्वय स्थापित किया जाए।
  • लवे स्टेशनों, रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए आरपीएफ, जीआरपी और स्थानीय पुलिस की ओर से रेलवे स्टेशनों में बीडीएस व डाग स्क्वायड के साथ चेकिंग की जाए।

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