प्रशिक्षणार्थियों ने सीखे व्यावसायिक उन्नयन, सृजनात्मक क्षमता विकास करने, व्यक्तित्व निमार्ण के गुर  

राजकीय महाविद्यालय कोटद्वार में यूथ इन एक्शन : ड्रामा एंड आर्ट फॉर चेंज इन सोसायटी  विषय पर आयोजित की गई 06 दिवसीय कार्यशाला

सिद्धबली न्यूज डेस्क

कोटद्वार। डॉ. पीताम्बर दत्त बडध्वाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार के बीएड विभाग द्वारा अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन कोटद्वार के सहयोग से शैक्षिक कार्यक्रमों के तहत विद्यार्थियों में व्यावसायिक क्षमता के उन्नयन के लिए यूथ इन एक्शन : ड्रामा एंड आर्ट फॉर चेंज इन सोसायटी ” विषय पर आयोजित  06 दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न हो गई। जिसमें बीएड के प्रशिक्षणार्थियों ने व्यावसायिक उन्नयन, सृजनात्मक क्षमता विकास करने, व्यक्तित्व निमार्ण के गुर सीखे।

कार्यशाला का शुभारम्भ महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. जानकी पंवार ने द्वीप प्रज्वलित कर किया।  कार्यशाला के दौरान अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के संसाधकों द्वारा प्रतिभागियों को मुंशी प्रेमचन्द द्वारा रचित “पंचपरमेश्वर” एवं “ठाकुर का कुंआ विद्यासागर नौटियाल द्वारा रचित “सोना” एवं पर्यावरण संरक्षण आदि प्रेरणादायक कहानियों पर आधारित लघु नाटिकाऐं तैयार करवायी गयी एवं कार्यशाला के अन्तिम दिन प्रतिभागियों द्वारा इन लघु नाटिकाओं का मंचन किया गया।

उक्त कार्यशाला में बीएड विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश सिंह चौहान, प्रो. बिक्रम चन्द शाह, डॉ. सुशील चन्द्र बहुगुणा, डॉ. सुषमा थलेडी, डॉ. सुनीता नौटियाल, डॉ. हितेन्द्र कुमार एंव अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के संसाधक अमित कुमार गोयल,  गणेश बलूनी एवं  प्रियम्बद द्वारा समय-समय पर प्रतिभागियों का मार्गदर्शन एंव प्रोत्साहित किया गया।

कार्यशाला के समापन अवसर प्रतिभागियों द्वारा जनगीतों एवं लघु नाटिकाओं द्वारा सामाजिक परिवर्तन की चेतना का आहवान किया गया। विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश सिंह चौहान द्वारा प्रतिभागियों द्वारा इस कार्यशाला में किये गये सृजनात्मक एवं कलात्मक कार्यों की सराहना की गयी। कार्यशाला के सचिव प्रो. बीसी शाह द्वारा सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रो. एमडी कुशवाहा द्वारा अपनी कविता के माध्यम से कला एवं ड्रामा की महत्ता पर प्रकाश डाला गया। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. जानकी पंवार द्वारा प्रतिभागियों एवं सभी अतिथियों को अपने आर्शिवाद वचनों से अनुग्रहित किया गया।

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