मुस्लिम तहजीब में नथ की अहमियत भाग – 3

सिद्धबली न्यूज़ डेस्क

मुस्लिम तहजीब में नथ की अहमियत

मुस्लिम महिलाओं के लिए नथ पहचान, गौरव और विरासत का प्रतीक है। यह एक साहसिक फैशन स्टेटमेंट भी है और कुछ मामलों में पैगंबर मुहम्मद का सम्मान करने का एक तरीका है।

कहा जाता है कि पैगंबर मोहम्मद ने अपनी बेटी फातिमा की शादी के दिन उसकी नाक छिदवाई थी। मुस्लिम महिला का निकाह बिना नथ के नहीं होता। ये एक सुहाग की निशानी है। शादी के बाद ही लड़किया नाक में नथ पहनती हैं।

अपातानी जनजाति में नथ की खासियत

अरुणाचल प्रदेश की अपातानी महिलाएं भी नथ पहनती हैं। वो नाक में लकड़ी के बड़े-बड़े प्लग लगाकर खुद को सजाती हैं, जिन्हें बहादुरी और रुतबे का प्रतीक मानते हैं।

लोक कथाओं के अनुसार, अपातानी महिलाओं ने पड़ोसी जनजातियों के पुरुषों के लिए खुद को कम आकर्षक बनाने के लिए सुरक्षात्मक उपाय के रूप में नाक पर प्लग पहनना शुरू किया। अपातानी महिलाएं इतनी सुंदर थीं कि उन्हें पड़ोसी जनजाति उन्हें अगवा कर ले जाते थे।

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