देहरादून। कोरोना रिपोर्टो में गड़बड़झाला करते हुए एक लैब संचालक ने फर्जी रेपिड एंटीजन टेस्ट व आरटी पीसीआर की फर्जी रिपोर्ट बनाकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल (आईसीएमआर) पर अपलोड भी कर दी। पोर्टल पर अपलोड की गई रिपोर्टों का परिक्षण करने पर यह गड़बड़ी पकड़ी गई। लैब संचालक के खिलाफ 84 लाख रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ पतेलनगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 में कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार में लाखों की संख्या में कोरोना को लेकर रेपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) व आरटी पीसीआर टेस्ट हुए थे। इस दौरान कई लैब संचालकों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी, जिसकी जांच पर्वतन निदेशालय चंडीगढ़ की ओर से की जा रही है। इनमें देहरादून की डीएनए लैब की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई थी।
प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत की गई जांच में पता चला कि डीएनए लैब देहरादून में कुंभ मेला हरिद्वार, 2021 के दौरान आरएटी और आरटी-पीसीआर परीक्षण किए है, जिसके तहत डीएएन लैब को 84,57,616 का सरकारी धन भुगतान किया गया है।
इस लैब के आईसीएमआर डेटा की जांच करने पर यह पता चला है कि उक्त लैब की ओर सर किए गए परीक्षण के सबंध में आईसीएमआर पोर्टल पर की गई अधिकाँश रिपोर्ट नकली भेज दी। इस मामले में लैब के संचालक दिव्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।