कोटद्वार। पुलिस ने सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गैंग के दूसरे सदस्य को भी कोलकाता से धर दबोचा है। गैंग लीडर को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
कोटद्वार कोतवाल रमेश तनवर ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय लोकेश्वर सिंह के निर्देशों के क्रम में ठगी करने वाले गैंग के खिलाफ लगातार कारवाई की जा रही है। बताया कि दिनांक 08.09.2024 को कोतवाली कोटद्वार पर वादी मयंक नेगी,कोटद्वार द्वारा एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया। जिसमें बताया गया कि 1.सतीश कुमार,निवासी-दिल्ली 2.सुभब्रत रॉय,निवासी- कृष्णानगर दिल्ली, द्वारा वादी को ईस्टर्न रेलवे में “GROUP –C” की नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करके फर्जी नियुक्ति पत्र तथा इस्टर्न रेलवे का आई कार्ड देकर वादी से रु 30,70,550/-00 (तीस लाख सत्तर हजार पांच सौ पचास रुपये मात्र) ठग लिए गये हैं। इस शिकायती प्रार्थना पत्र के आधार पर कोतवाली कोटद्वार में मु0अ0सं0-229/24,धारा- 420,467,468,471,120(बी) भा0द0वि0 अभियोग पंजीकृत किया गया था।
श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय पौड़ी श्री लोकेश्वर सिंह द्वारा आमजन के साथ हुयी इस धोखाधड़ी की घटना को गम्भीरता से लेते हुये अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया था। उपरोक्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने हेतु पुलिस टीम द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा था लेकिन अभियुक्त शातिर किस्म के होने के कारण लगातार अपने ठिकाने बदल कर गिरफ्तारी से बच रहे थे, जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय पौड़ी द्वारा दोनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर 05 हजार रू0 का ईनाम घोषित किया गया था।
कोटद्वार पुलिस टीम द्वारा कुशल पतारसी-सुरागरसी कर इस मामले में संलिप्त मुख्य अभियुक्त सतीश कुमार को दिनांक 23.11.2024 को दिल्ली में दबिश देकर गिरफ्तार किया गया था साथ ही इस प्रकरण में संलिप्त दूसरे आरोपी की तलाश जारी थी। जिसमें पुलिस टीम की तत्परता से कुशल ठोस पतारसी-सुरागरसी करते हुए सर्विलांस की मदद व अन्य अथक प्रयासों से इस धोखाधड़ी में संलिप्त दूसरे आरोपी सुभब्रत रॉय को दिनांक 01.12.2024 को गैर प्रांत पश्चिम बंगाल में दबिश देकर कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी से पूछताछ व जानकारी के आधार पर पता चला है कि इनके द्वारा उत्तराखंड के अतिरिक्त अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब,बिहार आदि के युवाओं से पैसे लेकर सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र दिये जाते थे,जिसमें बेरोजगार युवा इनके झांसे में आकर इनके द्वारा मांगी गयी धनराशि को इनके खातों में ट्रांसफर कर देते थे। अभियुक्त के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटायी जा रही है साथ ही अभियुक्त को मा0 न्यायालय के समक्ष पेश कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही जारी है।
पुलिस टीम में उपनिरीक्षक राजाराम डोभाल और मुख्य आरक्षी उत्तम सिंह (CIU) शामिल रहे।