पांच साल कठोर कारावास और तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया
सिद्धबली न्यूज डेस्क
टिहरी। वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त हो चुके प्रधानाध्यापक को फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी हासिल करने का खुलासा होने के बाद जांच में दोष सिद्ध होने के बाद अदालत ने अभियुक्त को पांच साल कठोर कारावास और तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
मिली जानकारी के अनुसार उप शिक्षाधिकारी नरेंद्रनगर ने चार जुलाई 2018 को यहां पुलिस थाने को दी तहरीर में बताया था कि 30 सितंबर 2016 को राजकीय प्राथमिक विद्यालय नरेंद्रनगर से सेवानिवृत्त हो चुके सिलकणी प्रधानाध्यापक नरेंद्र सेवा में नियुक्ति के लिए जो शैक्षिक और प्रशिक्षण प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे वे फर्जी थे।
इसके बाद आप उप शिक्षाधिकारी कार्यालय की ओर से संबंधित प्रमाणपत्रों की निर्गतकर्ता संस्थाओं से जांच कराए ‘जाने पर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहबाद / प्रयागराजउत्तर प्रदेश की ओर से 10 अप्रैल 2018 को दी गई आख्या के आधार पर सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक नरेंद्र कुमार का बीटीसी परीक्षा 1974 का प्रमाणपत्र अनुक्रमांक 27059 राजकीय दीक्षा विद्यालय फरीदपुर बरेली यूपी फर्जी पाया गया है।,
पुलिस ने तहरीर के आधार पर जांच-पड़ताल कर न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत की। न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रेय गुप्ता की अदालत ने आरोपी शिक्षक को शासकीय सेवा के लिए फर्जी प्रमाणपत्र लगाने का दोषी करार देते हुए पांच वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है।