बिहार में जातिवार जनगणना के आधार पर आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट भी पेश कर दी गई है। विधानसभा में पेश की गई इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले आंकड़े भी सामने आए हैं और प्रभुत्व वाली जातियों की भी बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजार रही है। रिपोर्ट के मुताबिक सवर्णों में सबसे ज्यादा गरीबों की संख्या भूमिहार बिरादरी में है, जहां 27.58 फीसदी लोग गरीब हैं। इसके अलावा पिछड़ों की बात करें तो 35 फीसदी की संख्या के साथ यादव बिरादरी में गरीबों का बड़ा आंकड़ा है।
कुशवाहा समाज में 34 फीसदी लोग गरीब हैं और कुर्मियों में 29 फीसदी गरीबी रेखा से नीचे हैं। पिछड़ों में सबसे ज्यादा गरीब नाई हैं, जिनकी 38 फीसदी आबादी 6000 रुपये से कम में जीवनयापन कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58 फीसदी गरीब परिवार हैं। अनुसूचित जाति में 42.93 फीसदी गरीब परिवार हैं और नुसूचित जनजाति में 42.70 फीसदी परिवार गरीबी के दलदल में फंसे हैं।