सिद्धबली न्यूज डेस्क
कोटद्वार। कोटद्वार कोर्ट के बाहर एक अधिवक्ता के साथ मारपीट के मामले में दूसरे पक्ष की ओर से भी पुलिस को तहरीर दी गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजी तहरीर में संजीव ने बताया कि उसकी 138 एनआईएक्ट के मामले में मा. न्यायालय कोटद्वार में तिथि निर्धारित थी। मामले की सुनवाई के बाद माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट कोटद्वार गढवाल के न्यायालय के बाहर जब वह आया तो एक एडवोकेट द्वारा अचानक उसके साथ मारपीट करने लगा व गाली-गलौच करने लगा कहा कि मैं तुझे जान से मरवा दूंगा व झूठे केसों में फंसा दूंगा व तेरा कोर्ट में आना बन्द करवा दूंगा यहां सब मेरे जानने वाले के तेरा केस कोई वकील नहीं लड़ेगा व ना ही हम कोई बाहर का एडवोकेट को यहां आने देगे तेरा वो हाल करेंगे जो तूने सोचा नहीं था तथा कहने लगा कि तेरे घर वालों तक को नहीं छोडूंगा उनका भी बुरा हाल करवा दूंगा मेरी बहुत ऊंची पहुंच है।
बताया कि उपरोक्त 138 एनआई एक्ट के मामले में विरुद्ध पक्ष की ओर से एडवोकेट पैरवी कर रहा है। इससे पूर्व भी एडवोकेट द्वारा उसे माँ-बहन की अश्लील गालियां देते हुये दुर्व्यवहार कर चुका है व जान से मारने की धमकी दे चुका है। उक्त घटना के बाद उसके विरूद्ध एक झूठी शिकायत थाना कोटद्वार में हुयी जिसकी कॉपी उसे अभी नहीं दी गयी है। यह शिकायत झूठे एवं मनगढ़त है जबकि हमला एडवोकेट द्वारा उसके उपर किया गया व अन्य अधिवक्ताओं द्वारा मुझे एडवोकेट से बचाव किया गया। एडवोकेट द्वारा उसकी छवि माननीय न्यायालय में धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है व वह अगली तिथि को माननीय न्यायालय में ना पहुंच पाए इस हेतु एडवोकेट द्वारा हर तरह की अवैध/अप्रिय, कूटनैतिक, व सोची समझी योजनाओं के तहत गलत केसों में फसाने के हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है ताकि वह अगली तिथि को माननीय न्यायालय में उपस्थित ना हो सके ।
बताया कि उसके द्वारा जिलाधिकारी महोदय/लोक सूचनाधिकारी महोदय से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत एडवोकेट के सम्बन्ध में सूचना मांगी गयी थी परंतु उसे आज तक कोई सूचना उपलब्ध नहीं हुयी है और एडवोकेट द्वारा मुझे उक्त आर.टी.आई को वापस लेने हेतु दबाव बनाया जा रहा है व मुझे जान से मारने की धमकी व झूठे केसों में फंसाने की धमकी दी जा रही है व उसे बर्बाद करने के हर सम्भव प्रयास कर रहा है
व उसके साथ मारपीट करने की फिराक में है व मुझे अपूर्णीय क्षति द्वारा पहुंचाया जा सकता है।
बताया कि उसे कई बार आवष्यक कार्य हेतु माननीय न्यायालय में उपस्थित होना पड़ता है , उसे उपरोक्त एडवोकेट से जान-माल का नुकसान बना हुआ है । न्यायालय परिसर व अन्य स्थानों में दुबारा उसके साथ अनावष्यक मारपीट करते हुये झूठे केसों में फंसा सकता है। महोदय मुझे अगली तिथि को माननीय न्यायालय में उपस्थित होना है एडवोकेट द्वारा उसके विरूद्ध अवैधानिक कृत्य किये जा सकते हैं।
उसने एसएसपी से घटना का संज्ञान लेते हुये उसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर उपरोक्त के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने की गुहार लगाई है।